hello@mukhyansh.com

कर्ण का व्यक्तित्व आकर्षक है!अनुकरणीय नहीं:अमृताश त्रिपाठी

कर्ण का व्यक्तित्व आकर्षक है!अनुकरणीय नहीं:अमृताश त्रिपाठी। अमृताश ने बेहद ही संजीदे प्रसंग को उठाया है साथ ही एक नये दृष्टिकोण से महाभारत के एक

और पढ़ें

रजत सिंह ‘कबीरा’ की कविताएँ

पीढ़ियों के अंतर से लेकर, लाल रंग के ग़ुरूर तक को और कमरे में पसरे अकेलेपन के एहसास से लेकर,बिखरी हुई रूह तक को इन कविताओं में रजत सिंह 'कबीरा' ने

और पढ़ें

रिचा खर्कवाल की कविताएँ

अगर आपने किसी भी पल,किसी क्षण प्रेम को महसूस किया है तो रिचा की ये कविताएँ आपको अपनी लगेंगी।उसे ज़ादुई प्रेम पर नहीं वास्तविक प्रेम पर भरोसा है।वह

और पढ़ें

दिपेश कुमार की कविताएँ

ज़मीन से जुड़े रहने वालों की ख़ासियत ही यही है कि वह कभी अपनी मिट्टी को नहीं छोड़ता है। दिपेश शहर में रहकर गाँव को जीने वाले कवि हैं। उनकी कविताओं

और पढ़ें

एक साहित्यिक की डायरी:गजानन माधव मुक्तिबोध: मुख्य अंश

◆तीसरा क्षण1.मनुष्य का व्यक्तित्व एक गहरा रहस्य है।2.तथ्य का अनादर करना,छुपाना,उससे परहेज करके दिमागी तलघर में डाल देना न केवल गलत है,वरन उससे कई

और पढ़ें

बाणभट्ट की आत्मकथा:हजारीप्रसाद द्विवेदी:मुख्य बिंदु

मेरे जीवन में जो कुछ सार है,वह मेरे पिता का स्नेह है। ऐसा लगता था कि वह पान कम बेचती थी,मुस्कान ज्यादा-(निपुणिका के संदर्भ में) अंगुलियों को मैं

और पढ़ें

(भक्तिकाल-1375-1700) हिंदी साहित्य का इतिहास-आचार्य रामचंद्र शुक्ल: मुख्य अंश

यहाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल के हिंदी साहित्य का इतिहास से भक्तिकाल (1375-1700) के मुख्य अंशों को लिया गया है।

और पढ़ें