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खोई हुई दिशाएं (कहानी) : कमलेश्वर MPPSC

सड़क के मोड़ पर लगी रेलिंग के सहारे चंदर खड़ा था। सामने, दाएँ-बाएँ आदमियों का सैलाब था। शाम हो रही थी और कनॉट प्लेस की बत्तियाँ जगमगाने लगी थीं।

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गोदान : प्रेमचंद

होरी (5 बीघे खेत वाला किसान )भोला (पूरवे का ग्वाला)रायसाहब अमरपाल सिंह का चरित्र : साहित्य और संगीत के प्रेमी, ड्रामा के शौकीन, अच्छे वक्ता,

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कफन : प्रेमचंद (RPSC)

झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना से पछाड़ खा रही

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गैंग्रीन : अज्ञेय (RPSC)

दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते हुए मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य,

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