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गैंग्रीन : अज्ञेय (RPSC)

दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते हुए मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य,

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पुरस्कार कहानी : जयशंकर प्रसाद (Rpsc, Mppsc)

पुरस्कार -जयशंकर प्रसाद आर्द्रा नक्षत्र; आकाश में काले-काले बादलों की घुमड़, जिसमें देव-दुन्दुभी का गम्भीर घोष। प्राची के एक निरभ्र कोने से

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हिन्दी निबंधों में वर्णित शाक्त-मत परंपरा : एक विवेचना – सुजाता कुमारी

इस शोधालेख में हिंदी निबन्धों में शाक्त-मत परंपरा का वर्णन किया गया है। निबन्धों में दर्शन तत्व की प्रधानता है। इसलिए हजारीप्रसाद द्विवेदी,

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दिनकर के निबंधों में गांधी संदर्भ : एक विवेचना – सुजाता कुमारी

जब किसी राष्ट्र की व्यापक संरचना पर किसी चरित्र का प्रभाव स्थापित होता है तो वह चरित्र भी राष्ट्र-चरित्र के रूप में दृष्टिगत होता है । साहित्य

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हिन्दी निबंधों में वर्णित शिव-चरित्र – सुजाता कुमारी

हिन्दी निबंधों में वर्णित शिव के चरित्र का वर्णन निबंधकारों ने किस रूप में किया है । उसको आधार मान कर ही यह शोध आलेख लिखा गया है ।

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कुबेरनाथ राय के निबन्धों में वर्णित राम – सुजाता कुमारी

कुबेरनाथ राय हिंदी साहित्य के निबंध विधा के एक मज़बूत स्तम्भ के रूप में दिखाई देते हैं । जिन्होंने अपनी लेखन कला से इस विधा को मात्र समृद्ध हीं

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हिंदी ललित निबन्धों में वर्णित कृष्ण-कथा के संदर्भ – सुजाता कुमारी

इस लेख में ललित निबंधों के अर्थ को समझाने के साथ हीं, ललित निबंधों में विद्यमान कृष्ण कथा के संदर्भों की चर्चा की जा रही है । कृष्ण की चर्चा

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