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आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह ‘भारतेंदु’ की रचना- भारत दुर्दशा का मुख्य अंश

भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा रचित यह नाटक 1875 में प्रकाशित हुआ था।इस नाटक में उन्होंने भारत की तात्कालिक स्थिति को अलग-अलग प्रतीकों के माध्यम से

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चन्द्रगुप्त नाटक: जयशंकर प्रसाद- मुख्य अंश

जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित यह ऐतिहासिक नाटक 1931 में प्रकाशित हुआ।यहाँ इस नाटक के मुख्य अंशों के साथ पात्र तथा नाटक की कुछ विशेषता मौजूद है।

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सदी का सबसे बड़ा शब्द : धारा 144 -पूर्णिमा वत्स की कविता

पूर्णिमा वत्स युवा लेखिकाओं में उभरता हुआ नाम है।उन्होंने एक बच्चे के द्वारा शहर में लगी धारा-144 का उल्लेख किया है।यह व्यवस्था की लाचारी हीं है

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बच्चे की बात : कंचन रॉय

कंचन रॉय शिवाजी कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) की छात्रा हैं।उसने बच्चे के द्वारा एक माँ के मनोविज्ञान को इस कहानी में प्रस्तुत किया है।माँ कहानी

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राष्ट्रवाद और अंतर्राष्ट्रीयवाद परस्पर अनन्य या विरोधी:जितेन्द्र कुमार

जितेन्द्र कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र होने के साथ ही अभी जनसत्ता में कार्यरत हैं।उन्होंने इस लेख में राष्ट्रवाद के साथ अंतर्राष्ट्रीयवाद

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उत्तर मध्यकाल (संवत् 1700-1900)-रीतिकाल के 22 प्रमुख कवि- मुख्य अंश

यहाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल के हिंदी साहित्य के इतिहास में रीतिकाल में शामिल 22 प्रमुख कवियों का उल्लेख किया गया है।नेट परीक्षा को ध्यान में रखकर

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समलैंगिकता:चाहत से त्याग तक का सफर: पुनित कुमार

दिल और दिमाग के मध्य दिल और दिमाग के बीच ऐसा क्या होता है,जिसके कारण हम ठहर जाते हैं…क्या यह एक संघर्ष है,या फिर इसे प्रतिद्वंदिता की संज्ञा दी

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