hello@mukhyansh.com

कृष्णकांत मंडल की मैथिली कविताएँ

कृष्णकांत मंडल की मैथिली कविताएँ

नथिया सोना के

निपता भ’गेलय ओकर
ठोरक मुसकी ठामे गाछक कीन्हेरी में
जखन टूट गेलय ओकर नाक’क नथिया
हमरा स’ प्रेमक घेटा जोड़ी में

दराही हाट परक छलय नथिया
आब मंगय हय सोना के
आ हमरा में उ हिम्मत नै है से
पूछबय आँय ये साँचो के छल
अहाँ क नथिया सोना के?

कोन देव पित्तर के सपत खाउ
जे हिनका भरोस भ’ जाय हम
ठीके गरहा देबय नथिया सोना के
से इ कहतो डर लगय य’ कि
आब तहिये ऐब मिल’ अहां स’
जहिया नेने ऐब हम नथिया सोना के

एक मन होय कि चोरा क’
द दै छिय’य माये वाला
नथिया बिछिया झूमका सोना के
दोसर म’न खटकइय कोना छूछ करिय’य
माइयों के निक लगय हय
गहना पेन्हब सोना के।