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नाटक के विभिन्न तत्व

यहाँ के नाटक के तत्व व उनके भेद दिए जा रहे हैं। कई भेदों को परिभाषित करने की कोशिश भी की गयी है। जो हिंदी से जुड़ी परीक्षा के लिए उपयोगी है।

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‘इक्कीसवीं सदी और जनजातीय समाज’ – गौरव गौतम

गौरव गौतम ने इस लेख में भूमंडलीकरण के बाद अलग-अलग जातियों की बदलती हुई स्थिति का वर्णन किया है। लेकिन वैश्वीकरण के बाद भी जनजातीय समाज की स्थिति

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सम्पूर्णता के प्रतीक श्री कृष्ण : गौरव गौतम

गौरव ने श्री कृष्ण के कई रूपों का वर्णन किया है। कृष्ण के समर्पित रूपों के साथ, अर्जुन के सहयोगी की भूमिका निभाने की भी चर्चा की है। लेख पढ़े जाने

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