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(भक्तिकाल-1375-1700) हिंदी साहित्य का इतिहास-आचार्य रामचंद्र शुक्ल: मुख्य अंश

यहाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल के हिंदी साहित्य का इतिहास से भक्तिकाल (1375-1700) के मुख्य अंशों को लिया गया है।

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हिंदी साहित्य का इतिहास-आचार्य रामचंद्र शुक्ल: मुख्य बिंदु

आदिकाल ◆प्रकरण– सामान्य परिचय 1.)”प्राकृत की अंतिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिंदी साहित्य का आविर्भाव माना जा सकता है।”

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मानस का हंस-अमृतलाल नागर। प्रमुख बिंदु

1.)”घर,गाँव,जन्मभूमि ,यह शब्द बाबा के मन में तीन फांसों से चुभे, व्यंग फूटा,हँसी आई,कहा-“घर घरैतिन के साथ गया।गाँव तुम्हारे नाम से

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भीगते राम अब नहीं लौटते…

विद्या निवास मिश्र ललित निबन्ध को हिंदी साहित्य में स्वीकृति और सम्मान दिलाने वाले तथा लोक संस्कृति को जिलाए रखने वाले महत्वपूर्ण निबन्धकार हैं।

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मजदूरी और प्रेम – सरदार पूर्ण सिंह

मज़दूरी और प्रेम नामक निबंध, पूर्ण सिंह जी का न केवल साहित्यिक जगत में बल्कि विश्व जगत में काफ़ी चर्चित निबंध माना जाता है। जिसके मुख्यांश इस

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