युवा रचनाकारों की कविताएँ सत्यम कुमार झा की कविताएं भोर का शहर भोर का शहर, आधी नींद में उठता है, आंखें मींचते, जम्हाई लेता, मानो रात का एक हिस्सा चुपके से मिल गया हो सुबह की हवा में, रौशनी बिखरने और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ मनीष ठाकुर की कविताएँ मनीष ठाकुर बेहद ही गम्भीर पाठक हैं। और फिर वही विशेषण कि उतना ही गम्भीर लिखते भी है। बहुत जटिल नहीं सरलता से उन्होंने 'प्रेम' पर यह पंक्तियाँ और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ अपराजिता की कविताएँ अपराजिता स्वभाव में बहुत ही सरल है, यही कारण है कि उसके शब्द और भाव उसी ढंग की सहजता लिए रहते हैं। आप उसकी यह कविताएँ पढ़ कर उससे बिना मिले और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ रेड लाइट एरिया : रश्मि सिंह की कविता रश्मि सिंह 'महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार' में शोधार्थी हैं। समाज को देखने का उनका अपना नजरिया है। वे मानती हैं कि - 'आरोपित और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ सदी का सबसे बड़ा शब्द : धारा 144 -पूर्णिमा वत्स की कविता पूर्णिमा वत्स युवा लेखिकाओं में उभरता हुआ नाम है।उन्होंने एक बच्चे के द्वारा शहर में लगी धारा-144 का उल्लेख किया है।यह व्यवस्था की लाचारी हीं है और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ रजत सिंह ‘कबीरा’ की कविताएँ पीढ़ियों के अंतर से लेकर, लाल रंग के ग़ुरूर तक को और कमरे में पसरे अकेलेपन के एहसास से लेकर,बिखरी हुई रूह तक को इन कविताओं में रजत सिंह 'कबीरा' ने और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ रिचा खर्कवाल की कविताएँ अगर आपने किसी भी पल,किसी क्षण प्रेम को महसूस किया है तो रिचा की ये कविताएँ आपको अपनी लगेंगी।उसे ज़ादुई प्रेम पर नहीं वास्तविक प्रेम पर भरोसा है।वह और पढ़ें
युवा रचनाकारों की कविताएँ दिपेश कुमार की कविताएँ ज़मीन से जुड़े रहने वालों की ख़ासियत ही यही है कि वह कभी अपनी मिट्टी को नहीं छोड़ता है। दिपेश शहर में रहकर गाँव को जीने वाले कवि हैं। उनकी कविताओं और पढ़ें