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uphesc : इकाई 9 एवं 10 लेखक, रचना, प्रकाशन वर्ष

uphesc : इकाई 9 एवं 10 लेखक, रचना, प्रकाशन वर्ष

हिंदी उपन्यास

प्रेमचंद – (गोदान) – 1936
वृंदावनलाल वर्मा – (विराट की पद्मिनी) – 1936

अज्ञेय – (नदी के द्वीप) –1951
नदी के द्वीप उपन्यास के मुख्य अंशों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाएँ –
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फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ – (मैला आँचल) – 1954
चतुरसेन शास्त्री – (वयम रक्षाम) – 1955
यशपाल – (झूठा सच) – 1958
भगवतीचरण वर्मा – (भूले बिसरे चित्र) –1959
श्रीलाल शुक्ल – (राग दरबारी) – 1968
मनु भंडारी – (आपका बंटी) –1970/71
अमृतलाल नागर – (मानस का हंस) –1972
हज़ारीप्रसाद द्विवेदी – (पुनर्नवा) – 1973

भीष्म साहनी – (वसंती) – 1980/81
बसंती उपन्यास के मुख्य अंशों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाएँ –
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शिव प्रसाद सिंह – (नीला चाँद) –1988

हिंदी कहानी

प्रेमचंद – दुनिया का अनमोल रतन(1907– ज़माना पत्रिका में प्रकाशित), कफ़न (1936 – चाँद पत्रिका में प्रकाशित)
राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह – (कानों में कंगना) – (1913– इंदू पत्रिका में प्रकाशित)
विश्वंभर नाथ शर्मा ‘कौशिक’ – (ताई) –
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी – (उसने कहा था) – (1915 – सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित)
जयशंकर प्रसाद – (आकाशदीप) – (1929)
अज्ञेय – रोज़ (1931 में ‘विपथगा’ में रोज़ नाम से फिर 1990 में विपथगा के 5वें संस्करण में गैंग्रीन नाम से प्रकाशित ), शरणदाता ()
जैनेंद्र – (पत्नी) –
कमलेश्वर – (दिल्ली में एक मौत) – 1954
फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ – लाल पान की बेगम (1957), (रसप्रिया – 1959 में प्रकाशित ‘ठुमरी’ कहानी – संग्रह की यह पहली कहानी है, जो पहली बार 1955 ईस्वी में धर्मवीर भारती के संपादन में इलाहाबाद से निकलने वाली ‘ निकष ‘ पत्रिका में छपी थी।)
भीष्म साहनी – (चीफ़ की दावत) – (1959 – पहला पाठ में प्रकाशित हुआ था)
निर्मल वर्मा – (परिंदे)- (1959 में परिंदे में प्रकाशित हुआ था)
उषा प्रियंवदा – (वापसी) – 1960

हिंदी नाटक


भारतेंदु हरिश्चन्द्र – (अंधेर नगरी) – 1881
जयशंकर प्रसाद – (चंद्रगुप्त) – 1931
लक्ष्मीनारायण मिश्र – (सिंदूर की होली) – 1934
धर्मवीर भारती – (अंधा युग) – 1955
उपेंद्रनाथ नाथ अश्क़ – (अंजो दीदी) – 1955
मोहन राकेश – (असाढ़ का एक दिन) – 1968

हिंदी निबंध

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भारतेंदु हरिश्चन्द्र – भारतवर्षोंन्नति कैसे हो सकती है – ( 1884), वैष्णवता और भारत वर्ष – (-)
प्रताप नारायण मिश्र – आप ( 1893, ब्राह्मण पत्रिका के खंड- 9, अंक- 8 में प्रकाशित, ), धोखा (ब्राह्मण पत्रिका के खंड- 9, अंक- 9 में प्रकाशित )
बालकृष्ण भट्ट – (साहित्य जन समूह के हृदय का विकास है ) – 1881
बालमुकुंद गुप्त – (शिव शम्भु के चिट्ठे) – 1903-1907 में ‘भारत मित्र’ में प्रकाशित हुआ।
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी – (धर्म और समाज) – 1920 में ‘प्रतिभा’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
महावीर प्रसाद द्विवेदी – (कवि कर्तव्य) –
सरदार पूर्ण सिंह – (आचरण की सभ्यता) –
रामचंद्र शुक्ल – (श्रद्धा और भक्ति) – 1939 (चिंतामणि भाग- 1 में प्रकाशित)
हज़ारीप्रसाद द्विवेदी – (नाखून क्यों बढ़ते हैं) –
कुबेरनाथ राय – (महाकवि की तर्जनी) –
विद्यानिवास मिश्र – (अस्ति की पुकार हिमालय) –
हरिशंकर परसाई – (विकलांग श्रद्धा का दौर) – 1979

आत्मकथा

पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ – (अपनी खबर ) – 1960
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जीवनी

विष्णु प्रभाकर (आवारा मसीहा) – 1974

संस्मरण

विष्णु कांत शास्त्री (सुधियाँ उस चंदन वन की) – 1929

यात्रा साहित्य

निर्मल वर्मा (चीड़ों पर चाँदनी) – 1970
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रेखाचित्र

महादेवी वर्मा (मेरा परिवार) – 1972

रिपोर्ताज

फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ (ऋणजल-धनजल) – 1975
अज्ञेय द्वारा प्रकाशित ”दिनमान” में प्रकाशित हुई थी।
बाढ़ एवं सूखे दोनों ही स्थितियों का वर्णन
ऋणजल का अर्थ – जल की कमी, सूखा
धनजल का अर्थ – जल की पर्याप्तता/अधिकता
ऋणजल – दक्षिण बिहार के सूखे एवं अकाल का वर्णन
धनजल – पटना में आयी भयानक बाढ़ का वर्णन
बिहार में आए 1966 के सूखे का वर्णन

डायरी

रमेशचंद्र शाह (अकेला मेला) – 2009
इस डायरी में शाह जी ने जयशंकर प्रसाद, अज्ञेय, यीट्स, टी. एस. इलियट, मलयज, निर्मल वर्मा, विपिन कुमार अग्रवाल, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, विजय देव नारायण शाही आदि लेखकों का ज़िक्र किया है।
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साक्षात्कार

बनारसीदास चतुर्वेदी (प्रेमचंद के साथ दो दिन) – 1932
यह साक्षात्कार उनका दूसरा साक्षात्कार है, उनके द्वारा लिखित प्रथम साक्षात्कार ‘रत्नाकर जी से बातचीत’ (1931) सितम्बर माह में ‘विशाल भारत’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
इसमें बनारसीदास चतुर्वेदी द्वारा प्रेमचंद के लिए हुए इंटरव्यू का वर्णन है।

पत्र साहित्य

जानकी बल्लभ शास्त्री (निराला के पत्र) – 1971
अमृत राय (चिट्ठी पत्री) – 1962
यह प्रेमचंद के पात्रों का संकलन है।
यह दो खंडों में विभाजित है।
जिसमें पहले खंड का सम्पादन मदन गोपाल और अमृत राय ने मिलकर किया है।
दूसरे खंड का सम्पादन अमृत राय ने किया है।
पहले खंड में प्रेमचंद के दयानारायण निगम के साथ पत्रों का संकलन है।
वहीं दूसरे संकलन में जयशंकर प्रसाद, जैनेंद्र कुमार आदि समकालीन लेखकों के साथ हुए पत्राचार का संकलन है।
पत्रों का संकलन – 281