युवा रचनाकारों की कविताएँ अपराजिता की कविताएँ अपराजिता स्वभाव में बहुत ही सरल है, यही कारण है कि उसके शब्द और भाव उसी ढंग की सहजता लिए रहते हैं। आप उसकी यह कविताएँ पढ़ कर उससे बिना मिले और पढ़ें
UPHESC UPHESC सम्पूर्ण निबंधों का मुख्य अंश यहाँ UPHESC में लगे सम्पूर्ण निबंधों का मुख्य अंश दिया जा है। सिलेबस के १०वें भाग में १४ निबंध लगा हुआ है।और पढ़ें
NET/JRF प्रमुख ग्रन्थों/ रचनाओं के सम्पादक (आदिकाल/भक्तिकाल/रीतिकाल) आदिकाल :- दोहाकोश (सरहपा) – राहुल सांकृत्यायन (पटना, 1957) दोहाकोष – प्रबोधचंद्र बागची (कोलकाता, 1938) द चर्यापद – अतीन्द्र और पढ़ें