युवा रचनाकारों की कविताएँ सत्यम कुमार झा की कविताएं भोर का शहर भोर का शहर, आधी नींद में उठता है, आंखें मींचते, जम्हाई लेता, मानो रात का एक हिस्सा चुपके से मिल गया हो सुबह की हवा में, रौशनी बिखरने और पढ़ें