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बच्चे की बात : कंचन रॉय

कंचन रॉय शिवाजी कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) की छात्रा हैं।उसने बच्चे के द्वारा एक माँ के मनोविज्ञान को इस कहानी में प्रस्तुत किया है।माँ कहानी

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राष्ट्रवाद और अंतर्राष्ट्रीयवाद परस्पर अनन्य या विरोधी:जितेन्द्र कुमार

जितेन्द्र कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र होने के साथ ही अभी जनसत्ता में कार्यरत हैं।उन्होंने इस लेख में राष्ट्रवाद के साथ अंतर्राष्ट्रीयवाद

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उत्तर मध्यकाल (संवत् 1700-1900)-रीतिकाल के 22 प्रमुख कवि- मुख्य अंश

यहाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल के हिंदी साहित्य के इतिहास में रीतिकाल में शामिल 22 प्रमुख कवियों का उल्लेख किया गया है।नेट परीक्षा को ध्यान में रखकर

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समलैंगिकता:चाहत से त्याग तक का सफर: पुनित कुमार

दिल और दिमाग के मध्य दिल और दिमाग के बीच ऐसा क्या होता है,जिसके कारण हम ठहर जाते हैं…क्या यह एक संघर्ष है,या फिर इसे प्रतिद्वंदिता की संज्ञा दी

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मैं लिख रहीं हूँ काली स्याही से कि मुझें ज़माना भी कोरा नसीब नहीं हुआ:ममता

“मेरा नाम सआदत हसन मंटो है।औऱ मैं एक ऐसी जगह पैदा हुआ थाजो अब हिंदुस्तान में है।मेरी माँ वहाँ दफ़न हैमेरा पहला बच्चा भीजो अब मेरा वतन नहीं

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कर्ण का व्यक्तित्व आकर्षक है!अनुकरणीय नहीं:अमृताश त्रिपाठी

कर्ण का व्यक्तित्व आकर्षक है!अनुकरणीय नहीं:अमृताश त्रिपाठी। अमृताश ने बेहद ही संजीदे प्रसंग को उठाया है साथ ही एक नये दृष्टिकोण से महाभारत के एक

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