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हिंदी के लेखकों के विषय में कुछ ज़रूरी बातें

हिंदी के लेखकों के विषय में कुछ ज़रूरी बातें

हिंदी के लेखकों के विषय में कुछ ज़रूरी बातें –

  • अमीर खुसरो – हिन्दुस्तान की तूती, महाकवि अथवा कवियों में राजकुमार (ईश्वरी प्रसाद इतिहासकार के अनुसार)

  • विद्यापति – खेलन कवि, पंचानन, मैथिल कोकिल, कवि शेखर, अपरूप का कवि, नव कवि शेखर, अभिनव जयदेव, कवि कंठहार, जातीय कवि (बच्चन सिंह के अनुसार), पंचदेवोपासक (हर प्रसाद शास्त्री के अनुसार), शृंगार रस के सिद्धवाक् कवि (हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार)

  • पुष्पदंत- हिन्दी का भवभूति, (अभिमान मेरु, काव्यरत्नाकर, कविकुल तिलक – ये नाम उन्होंने स्वयं के लिए खुद ही कहा था)

  • हेमचंद्र – प्राकृत का पाणिनि (बच्चन सिंह के अनुसार)

  • कामता प्रसाद गुरु – हिन्दी व्याकरण का पाणिनि

  • पिशेल – अपभ्रंश का पाणिनि (हजारी द्विवेदी जी के अनुसार)

  • किशोरी दास वाजपेयी – हिन्दी का पाणिनि (हिन्दी शब्दानुशासन के कारण)

  • नाभादास (ये अग्रदास के शिष्य थे) – भक्तमाल की परम्परा के सूत्रपातकर्ता

  • प्रियादास – भक्तमाल के टीकाकार (रसबोधिनी शीर्षक से ब्रजभाषा के कवित्त- सवैया शैली में टीका लिखी थी)

  • सूरदास- पुष्टिमार्ग का जहाज
  • रामसिंह – जैन काव्य (साहित्य) का रहस्यवादी कवि
  • कबीरदास – भाषा का डिक्टेटर (हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार )
  • रामानन्द – रामकाव्य के पुरस्कर्त्ता
  • रामानंद (हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार) आकाश धर्मा गुरु, रामावत संप्रदाय के संस्थापक
  • कील्हदास – तपसी शाखा की स्थापना – (रामभक्ति में योगाभ्यास का मेल करके)
  • अग्रदास – रसिक संप्रदाय की स्थापना

  • तुलसी – रूपकों का बादशाह (लाला भगवानदीन एवं डॉ. बच्चन के अनुसार)
  • तुलसी – अनुप्रास का बादशाह (रामचंद्र शुक्ल का कथन)
  • तुलसी – उत्प्रेक्षाओं का बादशाह (डॉ. उदयभानु का कथन)
  • तुलसी – मानस का हंस (अमृतलाल नागर के अनुसार)
  • तुलसी को हिन्दी का जातीय कवि कहा – (डॉ. रामविलास शर्मा ने)
  • भूषण – हिंदू जाति का प्रतिनिधि कवि
  • अयोध्यावासी रामचरणदास – रामचरितमानस के प्रथम टीकाकार

  • अचिन्त्य भेदाभेद – चैतन्य मत का दार्शनिक सिद्धांत

  • हिन्दी का गीतगोविंद – नंददास कृत रासपंचाध्यायी (वियोगी हरि का मत), 5 अध्यायों में विभक्त, रोला छंद में रचित रचना

  • रससागर – बीठल विपुल (नाभादास के द्वारा दी गई रससागर की उपाधि)

  • देव कृत सुखसागर तरंग (डॉ. नगेन्द्र के अनुसार) – नायिका – भेद का विश्वकोश ग्रंथ

  • कविता के सौदागर पीयूषवर्षी मेघ – रीतिकालीन कवि
  • (बच्चन सिंह के अनुसार)

  • छंदों का अजायबघर – रामचंद्रिका केशवदास कृत ( रामस्वरूप चतुर्वेदी का मत)

  • हिन्दी के गैर मानक रूपों का पिटारा – अमृतलाल नागर के उपन्यास को कहा जाता है। (डॉ. रामविलास शर्मा के अनुसार)

  • सूर्यकांत त्रिपाठी – (निराला नाम मतवाला पत्रिका में संपादकीय कार्यभार सँभालते हुए अपने निराले व्यक्तित्व के अनुरूप निराला ने स्वयं रखा था । इनके बचपन का नाम सुर्जकुमार था, जिसे इन्होंने कवित्वपूर्ण दृष्टि से सूर्यकुमार फिर सूर्यकांत किया)

  • रांगेय राघव ( प्रगतिशील साहित्य के मानदंड लिखकर ) – डॉ. रामविलास शर्मा की प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ’ का उत्तर देने वाले कवि

  • हिंदी की नई पीढ़ी का बिल्कुल अपना कवि, सबसे प्रिय कवि और विचारक मुक्तिबोध हैं – शमशेर बहादुर (चाँद का मुँह टेढ़ा कवि, सबसे प्रिय कवि और विचारक है, भूमिका)

  • ज्ञानरंजन, काशीनाथ सिंह, दूधनाथ सिंह, रवीन्द्र कालिया – चार यार

  • निराला का कथन है – हिन्दी का जातीय छंद कवित्त है

  • भूषण (भूषण चित्रकूट के सोलंकी राजा रुद्र द्वारा) – कवि भूषण की उपाधि से विभूषित

  • घासलेटी साहित्य – पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र के उपन्यासों को बनारसी दास चतुर्वेदी ने कहा था

  • प्रकृतवादी उपन्यासों का जनक – पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र (अंग्रेजी में जोला को माना जाता है)

  • अज्ञेय नामकरण – प्रेमचंद एवं जैनेन्द्र द्वारा सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन का नामकरण हुआ था।

  • परदेशी उपनाम – दुष्यंत कुमार (इनको त्यागी भी कहा जाता था)

  • बालकृष्ण भट्ट ( श्यामसुन्दर का कथन) – हिन्दी का मान्टेन

  • बिहारी (ग्रियर्सन का मत है) – भारत के थाम्पसन

  • त्रिलोचन के लिए मुक्तिबोध ने कहा – मुक्तिबोध अवध का किसान कवि

  • परिमल की भूमिका – मुक्तछंद का घोषणापत्र

  • बालकृष्ण भट्ट (रामचंद्र शुक्ल का कथन) – हिन्दी का स्टील
  • प्रताप नारायण मिश्र ( रामचंद्र शुक्ल का कथन) – हिन्दी का एडीसन


केशवदास- अलंकारों का बादशाह
केशवदास – कोर्ट का कवि (विजयपाल सिंह के अनुसार )
केशवदास – हिंदी का मिल्टन

घनानंद – जबांदानी का दावा रखने वाला
घनानंद – विरोधाभास का बादशाह

निराला – अकुंठ एवं वयस्क शृंगार दृष्टि तथा तृप्ति के कवि
निराला – ओज, औदात्य और विद्रोह के कवि
निराला – आधुनिक काल के गोरखनाथ
निराला – वसंत का अग्रदूत

नागार्जुन – आधुनिक कबीर (नामवर सिंह ने कविता के नये प्रतिमान’ में कहा है )
नागार्जुन – प्रगतिवाद का श्लाका पुरुष
नुक्कड़ कविता – नागार्जुन की कविता (बच्चन सिंह का मत)
नागार्जुन (नामवर सिंह के अनुसार) – स्वाधीन भारत का प्रतिनिधि जन कवि


अज्ञेय – कठिन काव्य का प्रेत
अज्ञेय – हिंदी का एलियट
अज्ञेय – प्रयोगवाद और नई कविता का श्लाका , पुरुष परंपरामंजक
अज्ञेय – शब्दों का बावरा अहेरी

महादेवी वर्मा – आधुनिक मीरा
महादेवी वर्मा – हिन्दी के विशाल मंदिर की वीणापाणि (हरिऔध ने यह कहा था)


मुक्तिबोध – संवदेनात्मक ज्ञान और ज्ञानात्मक सूत्र के प्रयोक्ता कवि
मुक्तिबोध – गहन अनुभूति और तीव्र इंद्रियबोध के कवि
मुक्तिबोध – प्रगतिशील और नई कविता के बीच का सेतु
मुक्तिबोध – फैंटेसी कवि, भयानक खबरों का कवि कवियों का कवि
मुक्तिबोध (श्रीकांत वर्मा के अनुसार) – पहाड़ से जूझते रहनेवाला कवि
मुक्तिबोध (अशोक वाजपेयी का मत) – कठिन समय के कठिन कवि
मुक्तिबोध – आलोचक को साहित्य का दारोगा कहने वाले

भवानी मिश्र (कहानीकार उदय प्रकाश का मत है यह) – कविता का गाँधी
भवानी प्रसाद मिश्र – सहजता का कवि
भवानी प्रसाद मिश्र (खुद को खुद ही कहा था इन्होंने) – गाँधी का बेटा

प्रेमचंद – भारत का गोर्की
प्रेमचंद (शरतचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा ) – उपन्यास सम्राट
प्रेमचंद – कलम का सिपाही, कलम का मजदूर

दिनकर – समय-सूर्य
दिनकर – आग और राग के कवि
रामधारी सिंह दिनकर – अधैर्य कवि, अनल कवि
दिनकर – राष्ट्रीय जागरण और भारतीय संस्कृति का कवि


सत्यनारायण कविरत्न – ब्रजभाषा कोकिल / कविरत्न
सत्यनारायण कविरत्न – भक्त्तिकाल व आधुनिक काल का समन्वयक

महावीर प्रसाद द्विवेदी ( रामस्वरूप चतुर्वेदी का मत) – हिंदी का जानसन
महावीर प्रसाद द्विवेदी – अवतारी पुरुष
महावीर प्रसाद द्विवेदी – पत्रकारिता – सम्राट्

पंत – प्रकृति के सुकुमार कवि
पंत – स्वर सिद्ध
पंत – अप्सरा लोक का कवि

शिवपूजन सहाय – हिंदी के भूषण
शिवपूजन सहाय – बिहार का महावीर प्रसाद द्विवेदी
शिवपूजन सहाय – भाषा का जादूगर

रामचंद्र शुक्ल – विरोधों का सामंजस्य विषयक सिद्धांत के प्रतिपादक, साहित्य का महारथी
रामचंद्र शुक्ल – आलोचना- सम्राट्

माखनलाल चतुर्वेदी – एक भारतीय आत्मा

जयशंकर प्रसाद – आधुनिक कविता के सुमेरु, प्रेम और सौंदर्य के कवि

श्रीधर पाठक – प्रकृति का उपासक कवि

शमशेर बहादुरसिंह – कवियों का कवि ( अज्ञेय द्वारा कहा गया )

गिरिजा कुमार माथुर – रोमानी मिजाज के कवि

वृन्दावनलाल वर्मा – हिन्दी उपन्यासों का वाल्टर स्कॉट – (गणेश शंकर विद्यार्थी का कथन)

नाभादास – उडगन केशवदास

नंददास – जड़िया कवि

कुंवर नारायण – चिंतक कवि

मैथिलीशरण गुप्त – हरिगीतिका छंद का बादशाह

देव – उपमा का बादशाह

जायसी – हेतुत्प्रेक्षा (उत्प्रेक्षा) का बादशाह

सेनापति – श्लेष का बादशाह

रामवृक्ष बेनीपुरी – कलम का जादूगर

कमलेश्वर – शब्दों का जादूगर

केदारनाथ सिंह – बिंब का जादूगर

गोपालराम गहमरी – हिन्दी का कानन डायल

हरिवंशराय बच्चन – हिन्दी का बायरन, हालावाद का प्रवर्तक

उपेंद्रनाथ अश्क़ – मध्यवर्ग का चितेरा उपन्यासकार

अनूप शर्मा – आधुनिक भूषण

नाथू शर्मा शंकर – साहित्य सुधारक

बालमुकुन्द गुप्त – भारतेंदु व द्विवेदी-युग की योजक कड़ी

त्रिलोचन – सॉनेट के लिए प्रसिद्ध कवि

कुंवर नारायण (मुक्तिबोध ने इन्हें यह संज्ञा दिया) – पीड़ित विवेक चेतना का कवि

भिखारीदास (मिश्रबंधुओं के अनुसार ) – हिन्दी भाषा साहित्य का सबसे प्राचीन कवि समालोचक

भूपति (मिश्रबंधुओं का कथन) – रीतिकालीन कवियों में कवियों का कल्पवृक्ष

मोहन राकेश, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना – आधुनिकताबोध (विसंगति बोध) के नाटककार, जनवादी नाटककार

रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ – प्रेम और रोमांस के कवि, उद्दाम वासना के कवि

शिवमंगल सिंह सुमन (राजेंद्र मिश्र ने कहा है) – मूलत: रोमांटिक कवि

त्रिलोचन- ग्राम्य संवेदना के कवि, सॉनेट के लिए महत्त्वपूर्ण, सहजता के कवि

गुरुभक्त सिंह भक्त (प्रकृति के सरस चित्रण के कारण) पंत को भी कहा जाता है – हिन्दी का वर्ड्सवर्थ

गोपाल राम गहमरी (गुलाबराय का कथन) – हिंदी का कानन डायल

हित हरिवंश – कृष्ण का वंशी का अवतार

जयशंकर प्रसाद – काव्य एवं नाटक- सम्राट्

बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर – हिंदी का टेनिसन

मदन वात्स्यायन पंत – सिंदरी का कवि

रायकृष्ण दास – स्मरण का स्मृतिकार

होमवती देवी – कवि वत्सला

फणीश्वरनाथ रेणु – धरती का धनी

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी – बीसवीं सदी का बाणभट्ट

प्रतापनारायण मिश्र – हिंदी का लैम्ब

विजयदान देथा – बिज्जी नाम से प्रसिद्ध

राहुल सांकृत्यायन (रामविलास शर्मा द्वारा कहा गया) – समाजवादी खेमे का शत्रु नम्बर एक

सदासुख लाल, इंशा अल्ला खाँ, लल्लूलाल, सदल मिश्र – गद्य-चतुष्ट्य

गोविंद नारायण मिश्र (विभक्ति- विचार के लेखक ) – गद्य – साहित्य में सुदीर्घ वाक्यावली और समासबहुल शैली के लिए प्रसिद्धि

श्यामसुंदर दास – शब्द सम्राट् कोश

कुंभनदास – अष्टछाप कवियों में पूरा ऋषि

जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’ – आधुनिक काल का पद्माकर

मिर्जा नासिर हसन (रामप्रसाद मिश्र का कथन) – आधुनिक रसखान

हरिदास निरंजनी – नाथ – पंथ और संतमत के समन्वयकर्ता कवि

मैथिलीशरण गुप्त – आधुनिक काल के तुलसीदास

हरिऔध – आधुनिक काल के सूरदास

अनूप शर्मा – आधुनिक काल के भूषण

मिर्ज़ा नासिर हसन (रामप्रसाद मिश्र का कथन) – आधुनिक काल के रहीम

श्री अब्दुल रसीद – आधुनिक रसखान

मतिराम – पुराने पंथ का पथि

नाथूराम शर्मा शंकर (राजा लक्ष्मण सिंह ) – भारतेन्दु प्रज्ञेन्दु

शमशेर बहादुर सिंह – मर्द कवि मुक्तिबोध

अगन्येष्का पोलिश कवयित्री – हिंदी के आधुनिक युग का सबसे शक्तिशाली कवि (मुक्तिबोध)

जानकी वल्लभ शास्त्री – छोटे निराला

जगदीशचंद्र माथुर – हिंदी का लघु प्रसाद

रामचंद्र शुक्ल – साहित्य का महारथी

बिहारीलाल – हिंदी का गालिब

रामदहिन मिश्र – हिंदी का मम्मट

राजा लक्ष्मण सिंह – हिंदी का मल्लिनाथ

गदाधर भट्ट – ऊँची योग्यता का कवि

सियारामशरण गुप्त – हिंदी का गोल्ड स्मिथ

भारतेंदु – युग का वैतालिक

श्यामसुन्दर दास – शब्द सम्राट्

रसखान – अमृत की वर्षा करनेवाला कवि

गिरिजा कुमार माथुर – ऐन्द्रीयता का कवि

केदारनाथ अग्रवाल – केन का कवि

दुष्यंत – ग़ज़ल सम्राट

कुमार विकल – धूमधर्मी कविताओं का कवि

जैनेंद्र – हिंदी का शरत

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