(प्रथम संस्करण का वक्तव्य)
●ग्रियर्सन – मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ नॉर्दर्न हिंदुस्तान
●मिश्रबन्धु- मिश्रबन्धु विनोद
◆शुक्ल जी के अनुसार-
साहित्यिक पुस्तक केवल चार है-
- विजयपाल रासो
- हम्मीर रासो
- कीर्तिलता
- कीर्तिपताका
देशभाषा काव्य की आठ पुस्तकें हैं-
- खुमान रासो
- बीसलदेव रासो
- पृथ्वीराज रासो
- जयचंद प्रकाश
- जयमयंक जस चन्द्रिका
- परमाल रासो (आल्हा का मूल रूप)
- खुसरो की पहेलियाँ आदि
- विद्यापति पदावली
●रायसाहब बाबू श्यामसुंदर दास बी. ए. – हिंदी कोविद रत्नमाला
●रामनरेश त्रिपाठी – कविता कौमुदी
●वियोगी हरि- ब्रजमाधुरी सार
(आदिकाल)
●वररुचि – प्राकृत प्रकाश
●बाण- हर्षचरित
●देवसेन – श्रावकाचार
●देवसेन- दब्ब-सहाय-पयास (द्रव्य-स्वभाव प्रकाश)- इसी ग्रंथ को पीछे से माइल्ल धवल ने गाथा या साहित्य की प्राकृत में रूपांतरित किया।
●जैन कवियों की रचना – श्रुतिपंचमी कथा, योगसार, जसहरचरिउ, णयकुमारचरिउ इत्यादि।
●पुष्पदंत – आदिपुराण, उत्तरपुराण
●सबलसिंह चौहान- महाभारत
●राजशेखर- कर्पूरमंजरी
●हरप्रसाद शास्त्री – बौद्धगान ओ दोहा
●वज्रयानी सिद्धों की एक पुस्तक – रत्नाकर जोपम कथा
●नाथपंथ में एक पुस्तक- काफ़िरबोध
●गोरखपंथके संस्कृत ग्रंथ-
सिद्ध -सिध्दांत-पद्धति, विवेक मार्तंड, शक्ति-संगम-तंत्र, निरंजन पुराण, वैराटपुराण।
●हेमचंद्र – सिद्ध हेमचंद्र शब्दानुशासन, द्वयाश्रय काव्य, कुमारपालचरित।
●सोमप्रभ-सूरि – कुमारपाल प्रतिबोध
●जैनाचार्य मेरुतुंग – प्रबन्ध चिंतामणि (भोजप्रबन्ध के ढंग का है यह)
●विद्याधर – प्राकृत पिंगल सूत्र
●सारंगधर – सारंगधर पद्धति, हम्मीर रासो।
●दलपति विजय- खुमान रासो
●नरपति नाल्ह- बीसलदेव रासो
●राज कवि सोमदेव – ललित विग्रहराज नाटक (संस्कृत)
●गौरीशंकर हीरानंद ओझा – राजपूताने का इतिहास
●चंदरबरदाई – पृथ्वीराज रासो
●जयानक – पृथ्वीराज विजय
●भट्ट केदार – जयचंद प्रकाश
●मधुकर कवि -जयमयंक जसचंद्रिका
●सिंघायच दयालदास – राठौड़ा री ख्यात
●जगनिक – परमाल रासो
●श्रीधर- रणमल्ल छंद